Thursday, April 11, 2013

वाह रे ! नौजवान..... !!!


वाह रे ! नौजवान..... !!!

किधर है तेरा ध्यान,
मत मांगते मांगते मतदाताओन्से,
फिसल गयी तेरी जबान......!!!
 वाह रे ! नौजवान..... !!!

धरनोंसे पाणी हो गया बाहर,
तेरी जबान ने ढाया बहोत हि कहर,
घुस्सेसे तू इतना हो गया बेखबर,
कि तेरी जबानसे निकली जहर कि लहर,
 वाह रे ! नौजवान..... !!!

तू मांगते रहा माफिकी सौगात,
यह लहर बन गयी तेरी औकात,
मुह्से मांगने वाला था तू मत
लेखीन निकाल गया गलतीसे ? "X X"
 वाह रे ! नौजवान..... !!!

यह गलती हि पडी तुझे बहोत भारी,
कौन लढायेगा केस अब तेरी,
अब जिंदगीभर पस्ताते रहो,
मस्तीमे अपने गुर्राते रहो,
 वाह रे ! नौजवान..... !!!

जबांको अपने
फिसलने मत दो अब,
याद करो, नौजवान !
छुडाने तुझे तभी आयेगा रब !!
 वाह रे ! नौजवान..... !!!

यह "रब" कही बाहरसे नही आता ,
वह तो अपनो और अपनोमेही है बसता,
जब सुधर जायेगी अपनी यह लड्खडाती जुबान,
तभी हि मिलेगा "रब" का संपूर्ण वरदान........!!!
  वाह रे ! नौजवान..... !!!


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